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Friday, January 28, 2022

क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका ( CRYSTAL LATTICE AND UNIT CELL )

क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका ( CRYSTAL LATTICE AND UNIT CELL ) 




क्रिस्टल जालक - किसी क्रिस्टलीय ठोस की आंतरिक संरचना में अणु , परमाणु या आयन एक विशेष व्यवस्था द्वारा बिन्दुओं के रूप में जमे रहते हैं । त्रिविम आकाश में अणु , परमाणु अथवा आयनों की इस नियमित ज्यामितीय व्यवस्था को ही क्रिस्टल जालक कहते हैं । यह उच्च अनुक्रमिक संरचना है जो कि अवयवी या रचक कणों की प्रकृति के कारण क्रमबद्ध रूप में बनती है । 

क्रिस्टल जालक के अभिलक्षण

 1. किसी क्रिस्टल में अवयवी कणों ( परमाणु , अणु या आयन )की त्रिविमीय व्यवस्था में प्रत्येक कण को एक बिन्दु द्वारा दर्शाया जाता है । इसे जालक बिन्दु ( Lattice point ) कहते है । 

2. क्रिस्टल जालक में प्रत्येक जालक बिन्दु एक अवयवी कण ( परमाणु , अणु अथवा कण ) को दर्शाता है । 

3. जालक बिन्दुओं को सीधी रेखाओं द्वारा जोड़ा जाता है जिससे कि जालक की ज्यामिति को व्यक्त किया जा सके । हॉय के अनुसार , जब अवयवी कणों की पुनरावृत्ति एक सरल रेखा में होती है , तो इसे एकविमीय जालक ( one dimensional ) किसी तल में होने पर द्विविमीय जालक ( Two - dimensional ) ( चित्र 1-8a ) और कणों की पुनरावृत्ति त्रिविम में होने पर त्रिविमीय जालक ( space lattice ) ( चित्र 1-8b ) कहते हैं ।



चित्र 1-7 . ( a ) एक विमीय जालक , ( b ) द्विविमीय जालक 

एकक कोशिका या एकक सेल ( Unit Cell ) - किसी क्रिस्टल जालक का वह सूक्ष्मतम भाग ( बहुत छोटी - छोटी समान इकाइयों ) , जिसकी त्रिविम में बारम्बार पुनरावृत्ति करने पर संपूर्ण क्रिस्टल जालक का निर्माण हो जाता है , उसे एकक कोष्ठिका या इकाई सेल कहते हैं । 



चित्र 1.8 . ( a ) इकाई सेल एवं ( b ) त्रिविमीय जालक 

एकक कोष्ठिका के प्राचल ( Parameters of Unit Cells ) एकक कोष्ठिका को परिभाषित करने वाले पैरामीटर निम्नलिखित हैं 

( i ) एकक कोष्ठिका के तीनों किनारों की विमाओं ( अक्षों की लंबाई ) को a , b और c द्वारा दर्शाते हैं , जो परस्पर लंबवत् हो भी सकते है , अथवा नहीं भी । 

( ii ) किनारों के मध्य कोण ८ , B और द्वारा दर्शाए जाते है इस प्रकार एकक कोष्ठिका इन्हीं 6 पैरा ... c , B और ) द्वारा अभिलक्षित होती हैं ?

एकक या इकाई सेल के प्रकार ( Types of Unit Cells ) इकाई सेल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं 

1. आद्य या सरल घनीय ( Primitive or simple unit cell ) इस प्रकार के इकाई सेल में जालक बिन्दु केवल कोनों पर उपस्थित होते हैं ।

 2. केन्द्रित एकक कोष्ठिका ( Centred unit cell ) - जब एकक कोष्ठिका में एक अथवा अधिक अवयवी कण कोनों के अतिरिक्त अन्य स्थितियों पर भी उपस्थित होते हैं , तो उसे केन्द्रित एकक कोष्ठिका कहते हैं । यह तीन प्रकार की होती है

 ( a ) फलक केन्द्रित ( Face - centred ) - इस प्रकार के यूनिट सेल में जालक बिन्दु सभी कोनों के साथ - साथ प्रत्येक फलक के मध्य बिन्दु पर भी स्थित होते हैं । जैसे- NaCl . 


( b ) अन्तः केन्द्रित या काय केन्द्रित ( Body - centred ) - इस प्रकार के यूनिट सेल में जालक बिन्दु सभी कोनों के साथ - साथ पूरे यूनिट सेल के मध्य में भी होता है । जैसे- Cscl .

 ( c ) अंत्य केन्द्रित ( End - centred ) - इस प्रकार के यूनिट सेल में जालक बिन्दु सभी कोनों में तथा किन्हीं दो विपरीत फलकों के केन्द्र पर भी स्थित होते हैं ।



Thursday, July 22, 2021

Orientation and substitution in Pyrrole, Thiophene and Furan

Orientation and substitution in Pyrrole, Thiophene and Furan

Phinorchemistry


Pyrrole, Thiophene and Furan gives electrophilic aromatic substitution reaction. These Compound are more reactive compared to Benzene. Electrophiles majorly attack on 2nd position rather than 3rd position in these heterocyclic compounds. The reason behind it is the more number of resonating intermediate structure are possible to accommodate the positive charge when electrophile attacks on 2nd position (Three resonating intermediate structure) That makes the intermediate carbocation more stable while if electrophile attacks on the 3rd position then only two resonating inttermediate structures are possible as shown in the figure which is comparitively less stable. That's why the attack of electrophiles takes place at 2nd position in Pyrrole, Furan, Thiophene.

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